गढ़वाली गीत
देखा देखा देखा रे
ठग्या ननु पदान यखम
भलु छै यु पर
फसी गियाई कनि
शरम
वे दिन त ननु पदान
खूब जोशम छाई
हु णु भी छाई नि किले
भाई चाटिंग कैर्याई
हैका दिन क्या बुन दिदा
खूब मजा आई
नौनी समझ जै था वेला
नौनु निकली ग्यई
भीतर लुक्यों ननु पदान
कनिकै अलु अब भैरम
देखा देखा देखा रे
ठग्या ननु पदान यखम
भलु छै यु पर फसी
गियाई कनि शरम
एक दिन ननु पदान कु
एक मेसेज आई
वे नंबर फार ननु पदाना
ला फ़ोन घुमाई
दगडिया बनौलू तुम थै मी
नौनी ला बवाल चडम
उछली ग्यई ननु पदान
अब आलू मजा जीणम
बथायाँ खाता म ननु पदान
रुप्प्य धैरी आई
घार म ऐगे ननु पदान
पखड फ़ोन फिर हथम
नंबर घुमाई की दिखंद
नंबर नी यु यखम
देखा देखा देखा रे
ठग्या ननु पदान यखम
भलु छै यु पर फसी
गियाई कनि शरम
Thursday, September 16, 2010
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सत्यदेव जी ,
ReplyDeleteआपकी इस लोक कविता का भाव तो मैं समझ नहीं पाई मगर धुन बहुत प्यारी लग रही है