गढ़वाली गीत स्वरचित
म्यार गान्मा पूजै च रै
ऐ जय्याँ भोल सुबेर
टक लगैकी ऐजय्याँ
भेजण पुड्यां नि खुजेर
म्यार गान्मा पूजै च रै
ऐ जय्याँ भोल सुबेर
चंखी दादा तू भी ऐई
चम् ऐ जैई नि करि देर
फजिती काकी थै भी लेई
शर्म नि करि इत्गा नि डैर
म्यार गान्मा पूजै च रै
ऐ जय्याँ भोल सुबेर
ग्वाबिंदी काकि थै ले
चम् पाणि भ्वन हमर पंधेर
चौंफ्य फूफा कनै गाई
अज्काल बन्युं च जू ग्वेर
म्यार गान्मा पूजै च रै
ऐ जय्याँ भोल सुबेर
बोकटिया सिरयुंच हमरु
बांठी मिलाली एक एक सेर
चम् चम् ऐ जय्याँ
तब नि बुल्याँ क्या अंधेर
म्यार गान्मा पूजै च रै
ऐ जय्याँ भोल सुबेर
Wednesday, September 15, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment