Wednesday, August 18, 2010
है वर्णन में यहाँ ऐसा निर्धन घराना, गुजारा था कठिन जीवन था दुशवार, थे कुटुंब में पांच जन पिता माता भगिनी तीन, न था संरक्षक के देह में जोर कम सी थी जमीन , पर था तब भरा पूरा गाँव थी सबकी आजीविका , थी खेती किसीकी खूब आता था मनीआडर किसी का , तभी उस परिवार की थी एक बेटी पढने में निपुण , कर लिया उसने १२ वीं पास प्रथम श्रेणी
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