देश और समाज की बात यहाँ हुई
झंडे को लेकर भी यहाँ वहां हुई
सबसे बड़ा मेरा देश और उसका झंडा
न करोगे सम्मान तो पड़ेगा डंडा
मा और देश के नाम पर मजाक नहीं
सोचो सिपाही का जो सरहद पर है मजाक नहीं
सोचो उस मा का जिसका बेटा हमारी आजादी की कीमत रहा चुका
सर्द ठण्ड पर भी कम बेतन पर भी शांति की बात की कीमत रहा चुका
आओ हम सब मिल अरे उस जवान की स्तुति जय जवान जय जवान करें दें एक प्रस्तुति
Friday, August 13, 2010
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