कबूतरी जी आप हो इस धरा पर संस्कृति की माला
आपने इस देवक्षेत्र तो एक धागे में पिरोडाला
सभी करें बिनती एक सुर में उस विधाता से
आपके स्वास्थ्य की गुजारिस है उस दाता से
है हमें विस्वास अटूट उस दाता के न्याय पर
देगा सबको अच्छी खबर आपको ठीक कर
Monday, August 16, 2010
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